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September 17, 2024गणेश चतुर्थी का दसवाँ और अंतिम दिन, विसर्जन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष रूप से भावुक होता है, क्योंकि इस दिन वे अपने प्रिय भगवान गणेश जी को अलविदा कहते हैं।
विसर्जन के दिन, भक्त गणेश जी को सजाकर नदियों, तालाबों या समुद्र में ले जाते हैं। मूर्ति को विसर्जित करते समय, भक्त गणेश जी से विदा लेते हैं और उन्हें अगले वर्ष फिर से आने का वचन देते हैं। विसर्जन का दृश्य अत्यंत भावुक होता है, जब लाखों भक्त गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित करते हुए नदियों के किनारे खड़े होते हैं।
विसर्जन के बाद, भक्त अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और पूजा करते रहते हैं। गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, विवेक, सफलता और बाधाओं का निवारण होता है।
गणेश चतुर्थी का दसवाँ दिन, विसर्जन का दिन, भक्तों के लिए एक भावुक और महत्वपूर्ण दिन होता है। यह एक अवसर होता है, जब भक्त गणेश जी से विदा लेते हैं और उन्हें अगले वर्ष फिर से आने का वचन देते हैं। विसर्जन के माध्यम से, भक्त गणेश जी के आशीर्वाद और प्रेम का अनुभव करते हैं।
जय गणेश!