पर्युषण पर्व का दूसरा दिन- उत्तम मार्दव
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September 10, 2024गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भक्तों के बीच एक विशेष उल्लास और उत्साह लेकर आता है। इस दिन को पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और हर दिन का अपना एक खास महत्व होता है। गणेश चतुर्थी के चौथे दिन की बात करें, तो यह दिन भी बहुत खास होता है और इसमें भक्तों द्वारा किए गए व्रत और पूजा का महत्व अत्यधिक होता है।
चौथे दिन गणेश जी की पूजा के साथ-साथ उनकी आरती और भजन गायन का आयोजन होता है। इस दिन, गणेश जी के भक्त विशेष रूप से ध्यान करते हैं कि उनकी पूजा विधिपूर्वक की जाए ताकि सभी बाधाएँ दूर हो सकें। इस दिन लोग अपने घरों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हैं और गणेश जी को नए पकवान अर्पित करते हैं।
चौथे दिन को लेकर मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न और समस्याएँ दूर होती हैं। भक्तगण इस दिन विशेष पूजा और भजन कीर्तन के माध्यम से गणेश जी को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
गणेश चतुर्थी के चौथे दिन का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी होता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर त्योहार का आनंद लेते हैं और आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करते हैं। यह त्योहार एकता और सहयोग का संदेश भी देता है, जो समाज में सद्भावना और प्रेम बढ़ाने में मदद करता है।
इस विशेष दिन को धूमधाम से मनाते हुए, सभी भक्त भगवान गणेश से सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। गणेश चतुर्थी का यह चौथा दिन, सच्चे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए ताकि गणेश जी की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।