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October 4, 2024

नवरात्रि का दूसरा दिन: माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा 

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा के नौ रूपों में से दूसरा रूप हैं, और उनकी पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है।
October 4, 2024

भगवान शांतिनाथ: जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर 

भगवान शांतिनाथ जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर माने जाते हैं। उनका जीवन सत्य, अहिंसा और तपस्या का प्रतीक है। उनके जीवन के विभिन्न चरण हमें आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष की ओर प्रेरित करते हैं। इस ब्लॉग में हम उनके जीवन के हर पहलू पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
October 4, 2024

नवरात्रि का पहला दिन: माँ शैलपुत्री की पूजा 

नवरात्रि भारत के सबसे प्रमुख और पवित्र त्योहारों में से एक है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व शक्ति, भक्ति और साधना का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के पहले स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माँ शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और उनके नाम का अर्थ है ‘पर्वत की पुत्री’। उनका यह रूप शक्ति, स्थिरता और भक्ति का प्रतीक है।
October 4, 2024

धरमनाथ तीर्थंकर: जैन धर्म के तीर्थंकर 

जैन धर्म के 15वें तीर्थंकर धरमनाथ का जीवन श्रद्धा, तप और साधना का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनकी जीवन यात्रा हमें आदर्श और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। आइए, उनके जीवन के प्रत्येक चरण को विस्तार से समझते हैं।
October 2, 2024

Busting the Myth: “Humanism is Only for Intellectuals” 

There’s a common misconception that humanism is a philosophy only for intellectuals or academic elites. This myth suggests that only highly educated individuals can engage with humanistic values and principles. In reality, humanism is a broad and inclusive worldview, accessible to anyone who believes in the importance of compassion, empathy, and rational thought in improving human welfare.
October 2, 2024

भगवान अनंतनाथ: जैन धर्म के 13वें तीर्थंकर 

भगवान अनंतनाथ जैन धर्म के 13वें तीर्थंकर थे, जिनका जीवन एक आदर्श, संयम और धर्म का प्रतीक माना जाता है। उनका जीवन आत्म-शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति की प्रेरणा देता है।
October 1, 2024

The Myth of Humanism and Its Connection to Atheism

Humanism, as a philosophical stance, centres on the values, potential, and agency of human beings. It often promotes reason, ethics, and justice, valuing human welfare and happiness as its primary concerns. However, a common misconception is that humanism is intrinsically tied to atheism, meaning that one must reject the existence of deities or the supernatural to identify as a humanist. While secular humanism does often embrace atheistic principles, it's essential to understand that humanism itself is not synonymous with atheism.
October 1, 2024

विमलनाथ तीर्थंकर: जैन धर्म के तेरहवें तीर्थंकर 

जैन धर्म में 24 तीर्थंकरों की मान्यता है, जिनका जीवन और शिक्षाएँ इस धर्म के अनुयायियों के लिए आदर्श मानी जाती हैं। इन तीर्थंकरों में से तेरहवें तीर्थंकर भगवान विमलनाथ हैं। उनका जीवन और उपदेश जैन धर्म की आध्यात्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
September 30, 2024

Busting the Myth: “Humanity Rejects Spiritual Growth” 

In an era dominated by technology, materialism, and fast-paced living, there is a widespread belief that humanity has turned away from spiritual growth. This myth suggests that people are more focused on financial success, social status, and physical comfort than on exploring the deeper questions of life, meaning, and purpose. However, this is far from the truth. While the world has evolved in many ways, the desire for spiritual growth remains alive and well, often manifesting in new and evolving forms.