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September 21, 2024

जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर: भगवान संभवनाथ 

जैन धर्म में तीर्थंकरों का विशेष स्थान है, और इनमें तीसरे तीर्थंकर भगवान संभवनाथ का जीवन और उनके उपदेश अनमोल हैं। उनका जीवन जैन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
September 20, 2024

The Myth of Human Selfishness 

In today’s fast-paced and competitive world, a persistent myth lingers: kindness is a sign of weakness. This belief, found in both personal and professional settings, suggests that those who show kindness lack the toughness needed to succeed. However, this notion is not only misguided but also detrimental to our well-being and societal progress.
September 20, 2024

जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर भगवान अजितनाथ 

जैन धर्म में 24 तीर्थंकरों का विशेष महत्व है। इन्हीं तीर्थंकरों में से दूसरे तीर्थंकर हैं भगवान अजितनाथ, जिन्हें उनके अद्वितीय जीवन और अद्भुत तपस्या के लिए विशेष रूप से पूजा जाता है। अजितनाथ जी का जीवन धार्मिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका जीवन जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक आदर्श मार्गदर्शक और प्रेरणा का स्रोत है।
September 19, 2024

Kindness is a sign of  Weakness?? 

In today’s fast-paced and competitive world, a persistent myth lingers: kindness is a sign of weakness. This belief, found in both personal and professional settings, suggests that those who show kindness lack the toughness needed to succeed. However, this notion is not only misguided but also detrimental to our well-being and societal progress.
September 19, 2024

 जैन धर्म के पहले तीर्थंकर: भगवान ऋषभनाथ 

जैन धर्म में, तीर्थंकर उन आध्यात्मिक शिक्षकों को कहा जाता है जो आत्माओं को मोक्ष की ओर मार्गदर्शन करते हैं। पहले तीर्थंकर, भगवान ऋषभनाथ, जैन विश्वास में एक केंद्रीय व्यक्तित्व हैं, जो धर्म, त्याग और आध्यात्मिक ज्ञान के पथ का प्रतीक हैं।
September 17, 2024

उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म: आत्मनियंत्रण और शुद्धता का मार्ग 

जैन धर्म में आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए दस धर्मों का पालन अनिवार्य माना गया है। इन्हीं दस धर्मों में से एक है उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म, जो आत्मनियंत्रण, संयम और शुद्धता की ओर व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है। ब्रह्मचर्य का पालन केवल इंद्रियों पर नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में शुद्धता और संयम को अपनाने की प्रेरणा देता है।
September 16, 2024

गणेश चतुर्थी का दसवाँ दिन: विसर्जन  

गणेश चतुर्थी का दसवाँ और अंतिम दिन, विसर्जन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष रूप से भावुक होता है, क्योंकि इस दिन वे अपने प्रिय भगवान गणेश जी को अलविदा कहते हैं। विसर्जन के दिन, भक्त गणेश जी को सजाकर नदियों, तालाबों या समुद्र में ले जाते हैं। मूर्ति को विसर्जित करते समय, भक्त गणेश जी से विदा लेते हैं और उन्हें अगले वर्ष फिर से आने का वचन देते हैं। विसर्जन का दृश्य अत्यंत भावुक होता है, जब लाखों भक्त गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित करते हुए नदियों के किनारे खड़े होते हैं।
September 16, 2024

उत्तम अकिंचन्य धर्म: निर्लिप्तता और वैराग्य की ओर एक कदम 

जैन धर्म का उत्तम अकिंचन्य धर्म, व्यक्ति को संसार के मोह-माया और भौतिक वस्तुओं से निर्लिप्त होकर वैराग्य की दिशा में अग्रसर होने की शिक्षा देता है। पर्युषण पर्व के दौरान इस धर्म का विशेष महत्व है क्योंकि यह हमें आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए जरूरी साधनों का बोध कराता है।
September 16, 2024

गणेश चतुर्थी का नवां दिन: विदाई की तैयारी और भावनात्मक जुड़ाव 

गणेश चतुर्थी का पर्व एक ऐसा त्योहार है, जो हर दिन नई उमंग, भक्ति और उत्साह से भरा होता है। यह दस दिवसीय पर्व भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। नवां दिन एक विशेष दिन होता है, जिसमें भक्तगण गणपति बप्पा से विदा लेने की तैयारी करते हैं, लेकिन यह विदाई सिर्फ शारीरिक होती है, दिलों में भगवान गणेश का वास हमेशा के लिए बना रहता है।