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September 10, 2024

उत्तम आर्जव धर्म: पर्युषण पर्व का तीसरा दिन 

पर्युषण पर्व जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव है, जो आत्मशुद्धि, तपस्या और धर्म के दस गुणों (दशधर्म) का पालन करने के लिए समर्पित होता है। पर्युषण के तीसरे दिन का धर्म है उत्तम आर्जव , जो सरलता और सच्चाई को अपनाने की शिक्षा देता है।
September 9, 2024

गणेश चतुर्थी: चौथे दिन की विशेषता 

गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक चलने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता और शुभता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी के तीसरे दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन आस्था और भक्ति की गहराई को और भी मजबूत करता है।
September 9, 2024

पर्युषण पर्व का दूसरा दिन- उत्तम मार्दव 

पर्युषण पर्व जैन धर्म का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो आत्मशुद्धि के लिए समर्पित होता है। इस पर्व के दूसरे दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन हमें अपने अंदर झांकने और अपने कर्मों का मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करता है। दूसरे दिन का मुख्य उद्देश्य होता है आत्मनिरीक्षण करना, ताकि हम अपने पिछले कर्मों की समीक्षा कर सकें और उन्हें सुधारने के लिए ठोस कदम उठा सकें।
September 8, 2024

पार्श्वानाथ पर्व: उत्तम क्षमा (पहला दिन)

पार्श्वानाथ पर्व, हम जिसे पर्युषण पर्व के नाम से जानते हैं, जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व साल में एक बार विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। पर्व की शुरुआत बाध्र शुक्ला की पंचमी से होती है और यह दस दिनों तक चलता है। इन दस दिनों में पहला दिन खास महत्व रखता है, जो धर्मिक अनुयायियों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होता है।
September 8, 2024

गणेश चतुर्थी का दूसरा दिन: भक्ति और उत्सव की नई शुरुआत 

गणेश चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जो भक्ति, उत्सव और उल्लास से भरा होता है। यह पर्व गणपति बप्पा को समर्पित है, जो हर बाधा को दूर करने वाले, शुभता के प्रतीक और बुद्धि के देवता माने जाते हैं। इस दिन भक्तों की भक्ति और समर्पण का स्तर और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि वे अपनी आस्था को प्रकट करने के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और पूजा करते हैं।
September 8, 2024

गणेश चतुर्थी का पहला दिन: उत्सव की शुरुआत 

जैन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो अहिंसा, सत्य और आत्म-अनुशासन पर जोर देता है। जैन धर्म का पालन करना केवल धार्मिक प्रथाओं का पालन करना ही नहीं है, बल्कि एक जीवन शैली अपनाना है जो आंतरिक शांति, नैतिक जीवन और सभी जीवन रूपों के लिए गहरा सम्मान को बढ़ावा देता है।
September 8, 2024

जैन धर्म: मुक्ति का मार्ग 

जैन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो अहिंसा, सत्य और आत्म-अनुशासन पर जोर देता है। जैन धर्म का पालन करना केवल धार्मिक प्रथाओं का पालन करना ही नहीं है, बल्कि एक जीवन शैली अपनाना है जो आंतरिक शांति, नैतिक जीवन और सभी जीवन रूपों के लिए गहरा सम्मान को बढ़ावा देता है।
August 12, 2024

The Path of Liberation: Understanding the jain’s way of life

Jainism, one of the oldest religions in the world, offers a profound and comprehensive philosophy that emphasizes non-violence, truth, and self-discipline. Having faith in Jainism is not just about adhering to a set of religious practices; it is about embracing a way of life that fosters inner peace, ethical living, and a deep respect for all forms of life. Here are several
July 15, 2024

Significance of Jain Tirthankaras

Jain Tirthankaras hold the highest position in Jainism. They are revered as great souls who have attained perfect knowledge and liberation (moksha) and have shown the path of dharma (righteousness) to society. There are total 24 Tirthankaras in Jainism, of whom Lord Mahavira is the last Tirthankara. The teachings and ideals of the Tirthankaras continue to be a source of inspiration for followers today.