July 5, 2024
जैन धर्म में तीर्थंकरों का स्थान सर्वोच्च होता है। तीर्थंकर वे महान आत्माएँ होती हैं जिन्होंने संपूर्ण ज्ञान और मोक्ष प्राप्त किया है और समाज को धर्म का मार्ग दिखाया है। जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर माने जाते हैं, जिनमें से भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर हैं। तीर्थंकरों की शिक्षाएँ और उनके जीवन के आदर्श आज भी अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।